अभिनेता धर्मेंद्र ने दुनिया को कहा अलविदा,65 सालों तक फिल्म इंडस्ट्री का रहे हिस्सा

 अभिनेता धर्मेंद्र ने दुनिया को कहा अलविदा,65 सालों तक फिल्म इंडस्ट्री का रहे हिस्सा
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तारीख- 4 नवंबर 1960. सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज होती है. नाम- दिल भी तेरा हम भी तेरे. अर्जुन हिंगोरानी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म से बॉलीवुड में एक नए हीरो की एंट्री होती है. हीरो का नाम- धर्मेंद्र सिंह देओल, जो सीधा लोगों के दिलों में बस जाते हैं और आगे चलकर दुनिया उन्हें बॉलीवुड के हीमैन का टैग देती है. अब हीमैन हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 89 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. धर्मेंद्र अब भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में और यादें लोगों के दिलों में जिंदा हैं.धर्मेंद्र की कहानी शुरू होती है पंजाब के नसराली गांव से. 8 दिसंबर 1935 को इसी गांव में उनका जन्म हुआ था. काफी कम उम्र से ही फिल्मों में उनकी दिलचस्पी थी. वो इस बारे में अपनी मां सतवंत कौर को भी बताया करते थे. हालांकि, फिल्मों में करियर बनाना उनके लिए इतना आसान नहीं था.जब वो फिल्मों में काम करने की चाह लिए मुंबई पहुंचे तो उस वक्त गुजारा करने के लिए न उनकी जेब में पैसे थे और उनके पास रहने के लिए कोई ठिकाना था. अपना गुजारा करने के लिए वो एक गैराज में काम करते थे. वहां काम करने के लिए उन्हें 200 रुपये मिलते थे. इतने पैसों में उनका गुजारा नहीं हो पाता था, इसलिए वो ओवरटाइम भी करते थे और फिर रात में उसी जगह सो जाते थे.जब ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ फिल्म के जरिए उन्हें बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला तो उन्हें ऐसी उम्मीद थी कि उन्हें इस पिक्चर के लिए कम से कम 5 हजार रुपये मिलेंगे. हालांकि, उन्हें सिर्फ 51 रुपये मिले थे. वो भी तीन लोगों ने मिलकर 17-17 करके उन्हें 51 रुपये दिए थे. ये फीस भले ही कम थी, लेकिन धर्मेंद्र उस 51 रुपये को काफी लकी मानते थे.धर्मेंद्र की पहली एक्शन फिल्मसाल 1966 में ‘पत्थर के फूल’ के नाम से एक फिल्म आई थी. ये उनकी पहली एक्शन थी. इस फिल्म में धर्मेंद्र की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई थी. ये उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी साबित हुई थी.

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आप इस फिल्म की कमाई नीचे देख सकते हैं.फिल्म- पत्थर के फूल (1966) बजट- 70 लाख रुपये इंडिया में कमाई- 2.70 करोड़ (नेट) वर्ल्डवाइड कलेक्शन- 14.40 करोड़ (ग्रॉस)धर्मेंद्र को हीरो के रोल में तो हम सभी ने देखा है. हालांकि, एक ऐसी भी फिल्म है, जिसके जरिए उन्होंने विलेन बनकर महफिल लूट ली थी. वो फिल्म है साल 1964 में रिलीज हुई ‘आई मिलन की बेला’. राजेंद्र कुमार इस फिल्म की लीड हीरो थे और धर्मेंद्र का रोल निगेटिव था. हालांकि, धर्मेंद्र की अदाकारी का जादू लोगों के ऊपर ऐसा चला था कि वो हर तरफ छा गए थे.जब धर्मेंद्र ने बॉलीवुड में अपना करियर शुरू ही किया था उसी समय उनका नाम एक्ट्रेस मीना कुमारी के साथ जुड़ा था. बातें तो ऐसी भी होती थीं कि मीना कुमारी ने ही बड़े एक्टर्स के तौर पर बॉलीवुड में जगह बनाने में धर्मेंद्र की मदद की थी. हालांकि, धर्मेद्र पहले से ही शादीशुदा थे.धर्मेंद्र की पहली शादी बॉलीवुड में कदम रखने से पहले हुई थी. साल 1954 में वो प्रकाश कौर के साथ शादी के बंधन में बंधे थे. बॉलीवुड में आने के कुछ सालों बाद हेमा मालिनी के साथ भी धर्मेंद्र का नाम जुड़ा. बाद में साल 1980 में धर्मेद्र ने हेमा से दूसरी शादी की थी. दूसरी शादी करने के लिए धर्मेंद्र ने अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया था बल्कि इस्लाम धर्मे अपनाकर हेमा मालिनी से शादी कर ली थी.साल 1975 में रमेश सिप्पी के डायरेक्शन में ‘शोले’ के नाम से फिल्म आई थी. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के अपोजिट जया बच्चन दिखी थीं. वहीं धर्मेंद्र के अपोजिट हेमा मालिनी नजर आई थीं. कहा जाता है कि इसी फिल्म के सेट से हेमा-धर्मेंद्र की प्रेम कहानी की शरुआत हुई थी. कहा तो ये भी जाता है कि जब हेमा मालिनी संग उनके सीन की शूटिंग होती थी तो वो सेट पर लाइट मैन को रिश्वत दिया करते थे, ताकि वो लाइट डिस्टर्ब कर दे और उन्हें हेमा मालिनी के साथ फिर से सीन करने का मौका मिल जाए.धर्मेंद्र की 10 बेहतरीन फिल्मेंअनुपमा (1966)फूल और पत्थर (1966)सत्यकाम (1969आया सावन झूम के (1969सीता और गीता (1972)राजा जानी (1972)यादों की बारात (1973)शोले (1975)चुपके चुपके (1975)धरम-वीर (1977)धर्मेंद्र की फिल्मों में से सिर्फ 10 फिल्मों का चुनाव करना काफी मुश्किल है, क्योंकि उनकी हर एक फिल्म में एक अलग जादू होता था, हर बार वो पर्दे पर अपने किरदार को संजीदगी के साथ पेश करते थे. उन्होंने अपने 65 सालों के करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. उनका काम और वो हमेशा अपने तमाम चाहने वालों के दिलों में जिंदा रहेंगे.

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