आचार संहिता का सख्ती से करना होगा पालन,सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर रोक
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है.चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को घोषणा की कि मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे. इसके साथ ही बिहार में आचार संहिता लागू हो गई है, जिसके तहत कई तरह के प्रतिबंध प्रभावी हैं. आइए, एक नजर में जानते हैं कि आचार संहिता के दौरान किन नियमों का पालन करना होगा.चुनाव आयोग ने आचार संहिता को सख्ती से लागू करने के लिए मुख्य सचिव और राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को विशेष निर्देश दिए हैं. इसके लिए पूरे बिहार में 824 फ्लाइंग स्क्वॉड टीमें तैनात की गई हैं. साथ ही, शिकायत दर्ज करने के लिए 1950 कॉल सेंटर नंबर भी उपलब्ध है.आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर पूरी तरह रोक रहेगी.

आवश्यक होने पर सरकार को निर्वाचन आयोग की अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा, पहले से लगे लोक लुभावन विज्ञापन, होर्डिंग्स और बैनर तत्काल हटाए जाएंगे.चुनाव की घोषणा के बाद सरकार कोई नई लोक लुभावन घोषणा या निर्णय नहीं ले सकेगी. किसी भी नई योजना पर काम शुरू नहीं होगा. सांसद, विधायक और विधान परिषद फंड से संबंधित योजनाओं पर भी रोक रहेगी. केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के निजी कार्यक्रमों में सरकारी वाहनों या सुविधाओं का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. निजी दौरे में सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं होगा, और सरकारी दौरे सामान्य प्रोटोकॉल के तहत ही होंगे.कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकेगा. किसी भी आयोजन के लिए पुलिस प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, और दिन में भी इसके लिए अनुमति लेनी होगी. धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए उपयोग पूरी तरह वर्जित है.आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. 50,000 रुपये से अधिक नकदी लेकर चलने पर बैंक निकासी पर्ची या संबंधित दस्तावेज साथ रखने होंगे. हथियारों का प्रदर्शन, यहां तक कि लाइसेंसी हथियारों का भी, अवैध होगा. वाहनों की जांच बढ़ने के कारण कागजात हमेशा साथ रखें. 14 नवंबर तक इन नियमों का पालन कर बिहार में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने में सहयोग करें।
