पिछले 5 सालों में सबसे आगे रहा सोना,निवेश करने का अभी है सबसे अच्छा मौका

 पिछले 5 सालों में सबसे आगे रहा सोना,निवेश करने का अभी है सबसे अच्छा मौका
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पिछले एक साल में सोने ने कमाल कर दिया है. बाजार में तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद इसका रिटर्न सबको चौंकाने वाला रहा. अगर आज यानी 25 सितंबर 2025 की बात करें, तो सोना ₹1,13,150 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुका है. साल की शुरुआत से अब तक सोने में ₹34,720 यानी करीब 58.11% की ज़बरदस्त तेजी आई है. ये बीते 10 सालों में सोने का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. यह बढ़त 2020 के 31.22% और 2023 के 18.13% के रिटर्न को भी पीछे छोड़ चुकी है. वहीं दूसरी तरफ, शेयर बाजार की चाल उतनी दमदार नहीं रही. बीते एक साल में निफ्टी ने खास रफ्तार नहीं पकड़ी.अब जब दिवाली नजदीक है, तो एक सवाल हर निवेशक के मन में है, इस बार निवेश कहां करें, सोने में या शेयर बाजार में?

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इसका सही जवाब जानने के लिए हमें पिछले 15 सालों के आंकड़ों को देखना होगा, खासकर यह समझने के लिए कि दिवाली के आस-पास सोना और निफ्टी 50 किसने कितना रिटर्न दिया है. यही तय करने में मदद करेगा कि इस बार बेहतर निवेश विकल्प क्या हो सकता है.मान लीजिए आपने 2010 से हर दिवाली पर 10,000 रुपये सोने में लगाए होते, तो अब तक कुल 1.5 लाख रुपये का निवेश हो चुका होता. लेकिन इस निवेश की वैल्यू आज बढ़कर करीब 4.47 लाख रुपये हो जाती. वहीं अगर यही पैसा, यानी हर साल 10,000 रुपये, आपने निफ्टी 50 के ETF में लगाया होता, तो आपकी कुल रकम आज करीब 3.72 लाख रुपये होती.अगर आप हाल के 5 सालों के आंकड़े देखें, तो यहां भी सोने ने निफ्टी को पछाड़ दिया है. इन पांच सालों में सोने की सालाना ग्रोथ रेट (CAGR) 16.1% रही, जबकि निफ्टी 50 ने 13.8% की बढ़त दी. सिर्फ इतना ही नहीं, अगर पिछले 10 सालों की बात करें तो भी सोना आगे रहा है. इस दौरान सोने का CAGR 15.1% रहा, जबकि निफ्टी ने 12.3% का रिटर्न दिया.पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. इसकी सबसे बड़ी वजह है अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में नरमी, दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों का गोल्ड रिजर्व बढ़ाना और दुनिया में लगातार बढ़ते जियोपॉलिटिकल तनाव. इन हालातों में निवेशक ऐसे विकल्प की तलाश में हैं जो सुरक्षित हो, और सोना हमेशा से ही सेफ हैवन यानी सुरक्षित निवेश का जरिया माना जाता रहा है.क्लाइंट एसोसिएट्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (वेल्थ) अभिषेक खुदानिया का मानना है कि पिछले चार सालों से दिवाली-दर-दिवाली सोना, शेयर बाजार की तुलना में बेहतर रिटर्न दे रहा है. उनका कहना है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए सोने की यह रफ्तार कम से कम एक साल और बनी रह सकती है. हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि अब शेयर बाजार और गोल्ड के रिटर्न का अंतर धीरे-धीरे कम हो सकता है.च्वाइस ब्रोकिंग के कमोडिटी और करेंसी एनालिस्ट आमिर मकड़ा का कहना है कि जियोपॉलिटिकल हालात लगातार बदल रहे हैं. टैरिफ वॉर और वैश्विक तनाव की वजह से दुनिया भर के बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है. हाल ही में नाटो ने रूस के जहाजों को एस्टोनिया के पास रोका, जिससे विवाद और बढ़ने की आशंका है. इन सबके बीच सोना आज भी एक भरोसेमंद और आकर्षक निवेश विकल्प बना हुआ है.गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अगर दुनिया भर में निवेशक अपनी ट्रेजरी होल्डिंग का थोड़ा-सा हिस्सा भी गोल्ड में लगाते हैं, तो सोने का दाम $5,000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है. वहीं, जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस वुड ने तो गोल्ड का टारगेट और भी बढ़ाकर $6,600 प्रति औंस कर दिया है. जबकि अभी इसकी कीमत लगभग $3,745 प्रति औंस है।

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