भारत के लिए अहम है अमेरिका,चीन से हुआ है देश को मोटा नुकसान

 भारत के लिए अहम है अमेरिका,चीन से हुआ है देश को मोटा नुकसान
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अमेरिका के राष्ट्रपति से लेकर उनके ट्रेड गुरुओं तक भारत के खिलाफ कुछ भी बोले, अमेरिका भारत के खिलाफ 50 फीसदी टैरिफ ही क्यों ना लगा दे. भारत चीन के साथ अपने रिश्तों को कितना ही मधुर क्यों ना कर ले. इन तमाम बातों के बावजूद भारत के लिए चीन से ज्यादा अमेरिका ही सबसे जरूरी देश है. इसका कारण भी है. 50 फीसदी टैरिफ के बाद लगाने के बाद भी अगस्त के महीने में भारत का सबसे ज्यादा ट्रेड चीन, रूस या फिर यूरोप के साथ नहीं बल्कि अमेरिका के साथ रहा. वो भी तब जब जुलाई के मुकाबले में भारत का एक्सपोर्ट अमेरिका में करीब 14 फीसदी कम देखने को मिला है. वहीं पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले में एक्सपोर्ट में 7 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई. खास बात तो ये है कि भारत के साथ ट्रेड के मामले में चीन की स्थिति यूएई और नीदरलैंड से भी कम देखने को मिली है.

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आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़े पेश किए गए हैं।अगस्त में अमेरिकी प्रशासन की तरफ से भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी शुल्क लगाए जाने के बाद भारत का अमेरिका को निर्यात मासिक आधार पर करीब 14 फीसदी घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी अगस्त, 2025 के व्यापार आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका को भारतीय निर्यात जुलाई की तुलना में करीब 14 प्रतिशत कम हो गया. जुलाई महीने में भारत ने अमेरिका को आठ अरब डॉलर का निर्यात किया था. मासिक आधार पर निर्यात कम होने के बावजूद अमेरिका सालाना आधार पर भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बना रहा. अगस्त, 2024 की तुलना में इस बार अमेरिका को निर्यात में 7.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।जैसा कि हमने कहा कि अमेरिका भारत के लिए चीन से भी ज्यादा अहम है. ये बात यूं ही नहीं कही जा रही है. सरकारी आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं. भारत के लिए एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन के मामले में चीन दूसरे या तीसरे नंबर पर नहीं बल्कि चौथे पर है. अगस्त के महीने में भारत ने चीन को 1.21 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया है. जोकि अमेरिका के सामने कुछ भी नहीं है. बल्कि यूएई को अगस्त में 3.24 अरब डॉलर और नीदरलैंड को 1.83 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया. चीन के बाद ब्रिटेन का नंबर है. जिसे भारत ने 1.14 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर दो चरणों में शुल्क बढ़ा दिया था. पहले सात अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगा था और फिर 27 अगस्त से 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया गया।वहीं इसके विपरीत इंपोर्ट के मोर्चे पर भारत की चीन पर डिपेंडेंसी साफ देखने को मिल रही है. अगस्त के महीने में भले ही भारत ने चीन को एक अरब डॉलर से कुछ ज्यादा का सामान ही एक्सपोर्ट किया हो, लेकिन इंपोर्ट 10.9 अरब डॉलर का देखने को मिला. इसका मतलब है कि भारत को ट्रेड के मामले में सबसे ज्यादा नुकसान चीन से ही हुआ. जोकि 9.69 अरब डॉलर का है. वहीं रूस से भी भारत ने 4.83 अरब डॉलर का सामान खरीदा है. वहीं यूएई के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट एक अरब डॉलर से ज्यादा का देखने को मिल रहा है. अगस्त में भारत ने यूएई से 4.66 अरब डॉलर का सामान इंपोर्ट किया था. जबकि अमेरिका से भारत को करीब 4 अरब डॉलर का फायदा हुआ है. क्योंकि भारत ने एक्सपोर्ट के मुकाबले में अमेरिका से इंपोर्ट कम किया है. अगस्त में भारत का अमेरिका से इंपोर्ट 3.6 अरब डॉलर का था. वहीं सऊदी अरब से भारत का इंपोर्ट 2.52 अरब डॉलर का रहा।

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