अस्थिर करने की चल रही है साजिश,केंद्र के प्रस्तावित बिल पर भड़का विपक्ष

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए आज बुधवार को संसद में 3 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. हालांकि इस विधेयक को लेकर विपक्ष की ओर से जमकर आलोचना की जा रही है. विपक्ष इसे मनमाना बता रहा है, साथ ही यह भी कह रहा है कि विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका है. TMC सांसद महुआ ने कहा कि 240 सीटों वाली बीजेपी संविधान बदल रही है.मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस प्रस्तावित विधेयक को लेकर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार अलग-अलग राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार के मुख्यमंत्रियों को पक्षपाती और केंद्रीय एजेंसियों के जरिए मनमाने ढंग से गिरफ्तार करवाने के बाद उन्हें तुरंत पद से हटाकर विपक्ष को अस्थिर करने को लेकर कानून लाने की मंशा रखती है.

केंद्र आज लोकसभा में जो 3 विधेयक पेश करने जा रहा है, वो है केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बुधवार को लोकसभा में तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी पेश करेंगे.कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को चुनाव में हरा पाने में नाकाम रहने के बाद अब उन्हें हटाने के लिए ऐसा कानून लाना चाहती है.उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “यह किस तरह का दुष्चक्र है! अब गिरफ्तारी को लेकर किसी तरह के दिशा-निर्देश को मानने की जरूरत नहीं! विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियां अनियंत्रित और अनुचित है.” उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित कानून गिरफ्तारी के तुरंत बाद मौजूदा मुख्यमंत्री को हटाने का प्रावधान भी करता है।