सीट शेयरिंग को लेकर NDA में चल रही है खटपट,चिराग के डिमांड से बीजेपी हुई परेशान

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है लेकिन न तो एनडीए में अब तक सीट बंटवारा हुआ है और न ही महागठबंधन में कोई स्पष्टता है. दोनों गठबंधनों में बैठकों का दौर जारी है. एनडीए में सभी पांच घटक दलों की एक दौर की बैठक हो चुकी है. जीतन राम मांझी ने बयान दिया है कि जुलाई के अंत या अगस्त में सीटों का बंटवारा हो जाएगा.अब जुलाई का आज आखिरी दिन है, और सबकी नजर अगस्त पर है. छोटे दल चाहते हैं कि सीट बंटवारा जल्द हो. अमित शाह के बिहार दौरे पर भी सबकी नजर टिकी है. वहीं चुनाव आयोग का विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) भी चल रहा है जो उम्मीदवारों के चयन और सीटों के बंटवारे पर असर डाल सकता है।2020 में 7 अक्टूबर को एनडीए में सीट शेयरिंग की घोषणा हुई थी. जदयू को 122 सीटें मिली थीं जिसमें से जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ को 6 सीट दी गई थी. यानी जदयू 115 सीटों पर लड़ी थी. बीजेपी को 121 सीटें मिली थीं जिनमें से 11 सीटें वीआईपी को दी गई थीं और बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सीट बंटवारे में देरी का कारण लोजपा के साथ विवाद था.

चिराग पासवान अधिक सीटों की मांग कर रहे थे और सहमति नहीं बनने पर अकेले चुनाव लड़े जिससे एनडीए, खासकर जदयू को नुकसान हुआ था.2015 में एनडीए में नीतीश कुमार शामिल नहीं थे. बीजेपी डेढ़ सौ से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 2010 में जब जदयू और बीजेपी साथ थे, तब सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था. सीटों का बंटवारा नीतीश कुमार की मर्जी से हुआ था. तब एनडीए को 206 सीटों पर शानदार जीत मिली थी.जदयू ने 141 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी ने 102 में से 91 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2005, 2010 और 2020 में नीतीश एनडीए में ‘बड़े भाई’ की भूमिका में थे. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा. अब 2025 के विधानसभा चुनाव में कौन ‘बड़ा भाई’ बनेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।2020 में एनडीए में बीजेपी, जदयू, हम और वीआईपी शामिल थे. लेकिन 2025 के चुनाव में पांच दल हैं – बीजेपी, जदयू, हम, लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा. सभी छोटे दल ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं. जिससे बंटवारे में पेच फंसा हुआ है. बीजेपी और जदयू के बीच 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात लगभग तय मानी जा रही है. बाकी सीटों का बंटवारा छोटे दलों में होना है.सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान 30 सीटें और राज्यसभा की एक सीट चाहते हैं. वह अपनी मां को राज्यसभा भेजना चाहते हैं. हालांकि बीजेपी-जदयू उन्हें 25 सीटों के अंदर ही मनाने की कोशिश कर रहे हैं. जीतन राम मांझी को 2020 में 7 सीटें मिली थीं लेकिन वे इससे ज्यादा की मांग कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी 5 से अधिक सीट चाहते हैं. कुशवाहा की पार्टी का प्रतिनिधित्व न केंद्र में है और न राज्य में. ऐसे में उनकी तरफ से असंतोष बना हुआ है. हालांकि बीजेपी-जदयू अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं और कई फॉर्मूले पर मंथन जारी है.एनडीए के घटक दलों की बैठक से पहले 30 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री आवास में बैठक की थी लेकिन उसमें सीट शेयरिंग पर चर्चा नहीं हुई थी. अब अमित शाह 8 अगस्त को फिर से बिहार दौरे पर आ रहे हैं. वे सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में जानकी मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे. यह देखा जाना बाकी है कि इस दौरान एनडीए नेताओं के साथ उनकी कोई बैठक होती है या नहीं. जदयू के संजय गांधी ने बैठक की जानकारी से अनभिज्ञता जताई है लेकिन दावा किया है कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है और सब कुछ तय समय पर होगा।