गिर गया भारतीय शेयर बाजार,ट्रंप के फैसले से आई बड़ी गिरावट

अमेरिका की ओर से भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा का गहरा असर गुरुवार सुबह भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला. कारोबार की शुरुआत से ही बाजार में भारी बिकवाली हावी रही और सेंसेक्स लगभग 800 अंकों की भारी गिरावट के साथ टूट गया. निफ्टी 50 भी 24,650 के नीचे फिसल गया, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई.बीएसई सेंसेक्स ने गुरुवार को 80,695.50 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की, जो इसके पिछले बंद स्तर 81,481.86 से करीब 786 अंक नीचे था.

कुछ ही मिनटों में यह गिरावट और गहराई और सेंसेक्स दिन के निचले स्तर 80,695.15 तक पहुंच गया, यानी लगभग 800 अंकों की गिरावट.एनएसई निफ्टी 50 ने भी कमजोर शुरुआत की. यह 24,642.25 के स्तर पर खुला, जो पिछले बंद 24,855.05 से करीब 213 अंक नीचे था. शुरुआती घंटे में ही यह 24,635.00 के स्तर तक लुढ़क गया. दोनों प्रमुख सूचकांक करीब 1% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.बड़ी कंपनियों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी जोरदार बिकवाली देखी गई. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 2% तक की गिरावट दर्ज की गई, जो इस बात का संकेत है कि व्यापक बाजार पर दबाव और भी ज्यादा है.इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण ट्रंप सरकार की वह घोषणा रही जिसमें भारतीय उत्पादों पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाए जाने की बात कही गई है. इस फैसले से व्यापारिक रिश्तों में तनाव के संकेत मिले हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ.बाजार खुलते ही निवेशकों को बड़ा झटका लगा. कारोबार शुरू होने के महज 10 मिनट के भीतर ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹452 लाख करोड़ से गिरकर ₹449 लाख करोड़ तक पहुंच गया. यानी करीब ₹3 लाख करोड़ की पूंजी कुछ ही मिनटों में डूब गई.बाजार में इस गिरावट का असर निवेशकों की भावनाओं पर भी पड़ा है और अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ेगा, या बातचीत से इसका कोई समाधान निकल सकेगा.बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले का असर कुछ समय तक बाजार पर बना रह सकता है. जब तक भारत की ओर से कोई ठोस जवाब सामने नहीं आता या अमेरिका की नीति में नरमी नहीं दिखती, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है. निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है. खासकर वे स्टॉक्स जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं, उनमें उतार-चढ़ाव तेज हो सकता है।