सावन की तीसरी सोमवारी पर आज मंदिरों में उमड़ा भक्ति और आस्था का सैलाब,हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा परिसर

सावन की तीसरी सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ धाम में भक्ति और आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. लाखों कांवरिया पहलेजा गंगा घाट से जल भरकर बाबा पर जलाभिषेक करने पहुंचे, जिसका सिलसिला रविवार सुबह से ही शुरू हो गया. गेरुआ वस्त्रधारी श्रद्धालुओं की भीड़ और बोलबम व हर हर महादेव के नारों से मंदिर परिसर गूंज उठा. प्रधान पुजारी विनय पाठक ने बताया कि तीसरी सोमवारी को विशेष मान्यता के कारण इस बार पांच से सात लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. जिला प्रशासन और पुलिस ने भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।सावन में भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष सामग्री अर्पित की जाती है, जो शुभ मानी जाती है. इनमें जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दही, चीनी, गंगाजल, घी, पीली सरसों, अक्षत (चावल), हल्दी, चंदन, शहद, भस्म, वस्त्र, दीपक, धूप, शमी के पत्ते, गेहूं, कमल गट्टा, सुपारी, अबीर, लौंग, इलायची, पान के पत्ते, गुलाल और कपूर शामिल हैं।

भगवान शिव की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य पूर्ण करें और शुद्ध हरे या लाल रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। शिव मंदिर में जाकर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, फिर शिव जी और देवी पार्वती की पूजा करें, उन्हें पूजा सामग्री अर्पित करें और शिव मंत्रों का जाप करें. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, घी का दीपक जलाएं और अंत में शिव जी की आरती करें।