भारत करेगा गाजा का मदद!बनेगा संकटमोचक,जान लीजिए कैसे करेगा सहयोग?

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गाजा में शांति के लिए फिलिस्तीन भारत की ओर देख रहा है. उसके राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला एम अबू शावेश ने एक इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी. उनके मुताबिक, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति के बीच भारत का समर्थन मांगा है. शावेश ने कहा कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को एक स्पष्ट व्यक्तिगत संदेश में कहा कि वे फिलिस्तीन के कर धन को मुक्त करने के लिए इजराइल पर राजनीतिक दबाव डालें और इजराइल के साथ अच्छे संबंधों का लाभ उठाएं, ताकि मानवीय सहायता गाजा में पहुंच सके.राजदूत ने इंटरव्यू में भारत के महत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे वह ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग का चैंपियन है. उन्होंने बताया कि कैसे भारत फिलिस्तीन के मुद्दे का समर्थक रहा है.

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भारत रामल्लाह में एक प्रतिनिधि कार्यालय चलाता है, जो छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम देता. इसने नियमित रूप से वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसमें फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएनआरडब्ल्यूए भी शामिल है.गाजा में मौजूदा हालात के बारे में बात करते हुए फिलिस्तीन के राजदूत ने कहा कि स्थिति अत्यंत दयनीय और विनाशकारी है. गाजा में भुखमरी का प्रकोप जारी है. कई लोग भूख और भुखमरी के कारण मर चुके हैं. इजराइली सरकार ने अमेरिका और कई अन्य पश्चिमी देशों के पूर्ण समर्थन से युद्ध छेड़ा है. यह केवल बमबारी ही नहीं, बल्कि भुखमरी का युद्ध भी है.शावेश ने कहा कि इजराइल ने गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ एक भुखमरी का युद्ध छेड़ा है. लगभग 1000 फिलिस्तीनी इसलिए मारे गए क्योंकि उन्होंने इजराइल द्वारा स्थापित तथाकथित मानवीय सहायता तक पहुंचने की कोशिश की थी. गाजा में 80% से अधिक इमारतें नष्ट हो चुकी हैं. 95% लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं और कई लोग प्लास्टिक के तंबुओं में रह रहे हैं. स्थिति अमानवीय है.भारत से किसी तरह की मदद चाहिए? इसपर राजदूत शावेश ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय, बहुपक्षीय मंचों पर फिलिस्तीनी मुद्दों का एक बहुत मजबूत समर्थक रहा है. फिलिस्तीन में हम जिस दयनीय स्थिति का सामना कर रहे हैं, उसमें हम अभी भी भारत की ओर देखते हैं क्योंकि उसका राजनीतिक प्रभाव बहुत ज़्यादा है. हम इस विशेष पर भारत से और अधिक प्रयास की अपेक्षा रखते हैं. हम इस मुद्दे पर विदेश मंत्री के साथ पहले ही चर्चा कर चुके हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत इजराइल पर फिलिस्तीनी टैक्स का पैसा रोकना बंद करने का दबाव बनाएगा, क्योंकि इजराइल तीन महीने से ज़्यादा समय से फिलिस्तीनी टैक्स का पैसा रोके हुए है.उन्होंने कहा कि बेशक इसका एक हिस्सा कई सालों से भी ज़्यादा पुराना है. हम बात कर रहे हैं 2 अरब डॉलर की, जो इजराइली सरकार रोके हुए है. फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक स्पष्ट और निजी संदेश में, उनसे अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल करने, फ़िलिस्तीनियों के टैक्स के पैसे को मुक्त करने के लिए इज़राइल पर दबाव डालने और एक प्रधानमंत्री के रूप में अपनी ताकत का इस्तेमाल करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री के खुद इजराइल के साथ मजबूत और बहुत अच्छे संबंध रहे हैं, जिनका हम फिलिस्तीनी लोगों के फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करने की उम्मीद करते हैं.उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति अब्बास ने अपने पत्र में इजराइल के साथ अच्छे संबंधों की इस ताकत का इस्तेमाल करके यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि गाज़ा में मानवीय सहायता पहुंच सके. इससे भुखमरी रुकेगी. मैंने कुछ दिन पहले विदेश मंत्री के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी. राजदूत ने कहा कि हमारे हजारों ट्रक गाजा की सीमा के बाहर खड़े हैं, जिन्हें दुर्भाग्य से इजराइली सेना अंदर नहीं आने दे रही है. उदाहरण के लिए, फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) स्वयं गाजा के लिए सहायता ले रही है, लेकिन दुर्भाग्य से, इजराइली नाकाबंदी के कारण वे इसे गाजा तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. हम आशा करते हैं कि भारत अपने प्रबल राजनीतिक प्रभाव और इजराइल के साथ अच्छे संबंधों का उपयोग करके फिलिस्तीनी लोगों के हित में राजनीतिक दबाव बनाएगा.बता दें कि गाजा पट्टी की 20 लाख से अधिक की फिलिस्तीनी आबादी एक भयावह मानवीय संकट से जूझ रही है और अब उस क्षेत्र में आने वाली सीमित सहायता पर मुख्य रूप से निर्भर है. बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो चुके हैं. हमास ने सात अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था. गाजा में इजराइल के 50 बंधक अब भी हमास के कब्जे में हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें से आधे से भी कम जीवित हैं.गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के सैन्य हमले में 59,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. मंत्रालय का कहना है कि मृतकों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।

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