भाजपा-जेडीयू में नहीं चल रही है सब कुछ ठीक!कल वाले मामले ने पकड़ा राजनीतिक तूफान

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाईटेड के बीच गठबंधन धर्म के पालन करने और नहीं करने को लेकर हंगामा मच गया। हंगामा मीडिया के सामने नहीं हुआ है। सूत्र बता रहे हैं कि जदयू और भाजपा कोटे के मंत्री सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने भिड़ गए। किसी के अनुसार बांहें चढ़ा ली गईं, तो किसी का दावा है कि हाथापाई हो गई। बाहर देखकर ऐसा नहीं लगा, लेकिन सूत्रों के हवाले से आई यह खबर बिहार की राजनीति को गरमाने के लिए काफी है।सूत्र बता रहे हैं कि मानसून सत्र को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक में सीएम नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम, भाजपा, जदयू, हम पार्टी से सभी मंत्री और विधायक मौजूद थे। बैठक चल रही थी।

सभी नेता अपनी-अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि जदयू कोटे के एक मंत्री (अशोक चौधरी) घूम-घूमकर अपने विभाग की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे लेकिन उसमें गठबंधन के विधायकों को नहीं बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना सिर्फ भाजपा की ही जिम्मेदारी नहीं है। गठबंधन धर्म निभाना सभी पार्टी का काम है। ऐसा नहीं होना चाहिए। डिप्टी सीएम के इस बात के बाद भाजपा के कई विधायक उनके समर्थन में खड़े हो गए। विधायकों ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें नहीं बुलाया जाता है। बात धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। भाजपा विधायक ने ग्रामीण कार्य विभाग की योजनाओं के ग्लोबल टेंडर पर भी आपत्ति जताई। कुछ विधायकों ने कहा कि नल-जल योजना में भी गड़बड़ी हो रही है। हंगामा होता रहा और सीएम नीतीश कुमार चुपचाप देखते रहे। उन्होंने भाषण भी लेकिन डिप्टी सीएम के आरोपों पर कुछ नहीं बोले। इधर, इस बैठक बाद एनडीए के किसी भी नेता ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन, हंगामे की बात पूरी तरह सार्वजनिक हो गई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर पोस्ट लिखा। कहा कि भ्रष्टाचार की बंदरबांट को लेकर एनडीए के उपमुख्यमंत्री और वरीय मंत्री बैठक में ही एक दूसरे से झगड़ने लगे। जदयू के अधीन ग्रामीण कार्य विभाग में ग्लोबल टेंडरिंग के माध्यम से केवल बड़े ठेकेदारों को ठेका देकर चुनाव पूर्व जदयू ने 1000 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य रखा है। चुनाव पूर्व ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी नहीं होना है लेकिन केवल टेंडर मैनेज कर लूट-खसोट का खेल चल रहा है। भ्रष्टाचार इतना अधिक है कि एनडीए विधायक भी चूँ तक नहीं कर सकते। हर घर का नल का जल तो इससे भी बड़ा भ्रष्टाचार है। उसमें राज्य के खजाने से हज़ारों करोड़ की संस्थागत लूट हुई है। मुख्यमंत्री अचेत और खामोश है। बाक़ी मंत्रियों को अच्छे से पता है कि सरकार जाने वाली है इसलिए खुलम-खुला लूट मची है। उपमुख्यमंत्री बेचारे विजय सिन्हा जी को कितना बेबस कर दिया है।