बड़े भाई की भूमिका में बने रहेंगे नीतीश,112 सीटों पर लड़ेगा JDU!

बिहार के तमाम राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव की तैयारी में जोर-जोर से जुटे हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल भी सीट शेयरिंग को लेकर जोर आजमाइश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2025 के चुनाव भी ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहना चाहते हैं. वहीं बीजेपी का स्वाभाविक रूप से अधिक सीटों पर दावा बनता है. इसी बीच जेडीयू ने एक सूची जारी कर एनडीए के अंदर थर्मामीटर लगाने की कोशिश की है. जिससे गठबंधन के अंदर पारा बढ़ गया है.सीट बंटवारे पर एनडीए की खामोशी के बीच जेडीयू ने 112 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जारी खामोशी के बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 112 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है. 109 विधानसभा सीटों की तो लिस्ट भी जारी कर दी गई है.

अगर 112 सीटों पर जेडीयू लड़ता है तो बाकी की 131 सीटों में बीजेपी, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को ए़डजस्ट करना होगा।2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड ने कैमूर को छोड़कर सभी 37 जिलों में चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार पार्टी सभी 38 जिलों में उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी में है. विधानसभा प्रभारी की जो बैठक हुई, उसमें 109 सीट पर जेडीयू ने अपनी मजबूत स्थिति बताई है. इसके अलावे नालंदा सदर और हरनौत सीट पर भी दावा ठोका है।2020 विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन 43 पर ही जीत मिली थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी 110 सीटों पर लड़ी और 74 पर जीती. एनडीए के दूसरे घटक दलों में जीतनराम मांझी ने 7 सीटों पर लड़कर 4 और मुकेश सहनी की वीआईपी ने 11 पर लड़कर 4 पर जीत हासिल की थी. चिराग पासवान तब गठबंधन में नहीं थे.भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में सीटों को लेकर एक स्वाभाविक टकराव है. बीजेपी का दावा यह है कि वह 80 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है और ज्यादा विधायक होने के चलते वह ज्यादा सीटों की हकदार है. इसके उलट जेडीयू के पास मात्र 46 विधायक हैं तो उसे अपेक्षाकृत कम सीटों पर दावा करना चाहिए. संकट की स्थिति यह है कि जब जेडीयू 109 से अधिक सीटों पर लड़ेगा तो पासवान-मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के हिस्से में कितनी सीटें जाएंगी?असल में जनता दल यूनाइटेड विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में रहना चाहता है. इसी सोच के साथ पार्टी ने अधिक सीटों पर लड़ने की रणनीति बनाई है और उसी हिसाब से काम भी शुरू कर दिया गया है. 109 सीटों की सूची को प्रचारित कर जेडीयू की ओर से यह संकेत दिया गया है कि जिन सीटों की सूची जारी की गई है, कम से कम उतनी सीटों पर तो वह उम्मीदवार खड़े करेंगे और उन सीटों पर पार्टी की तैयारी भी मजबूत है।2020 विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को 43 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि चिराग पासवान की बगावत के कारण उसे 42 सीटों पर सीधा नुकसान हुआ था. वहीं 2015 में 71 सीटों पर सफलता मिली थी, उस चुनाव में आरजेडी के साथ गठबंधन था. 2010 में सबसे अधिक 115 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि अक्टूबर 2005 के चुनाव में 88 और फरवरी 2005 के चुनाव में 55 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।