झारखंड हाईकोर्ट में लालू यादव को लेकर होगी सुनवाई,बढ़ सकती हैं मुश्किलें!

देवघर चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा सेवानिवृत आईएएस बेक जूलियस और ट्रेजरी ऑफिसर रहे सुबीर भट्टाचार्य की सजा बढ़ाने को लेकर सीबीआई की ओर से दायर याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है. न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में मामले की अब विस्तृत सुनवाई शुरू होगी. सीबीआई की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता दीपक भारती ने इसकी पुष्टि की है।उन्होंने मीडिया को बताया कि देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी से जुड़े RC-64A/96 मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सह अभियुक्त जगदीश शर्मा को अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा के साथ-साथ 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था. जबकि मुख्य अभियुक्त में शामिल लालू प्रसाद यादव के अलावा सेवानिवृत आईएएस बेक जूलियस और ट्रेजरी ऑफिसर रहे सुबीर भट्टाचार्य को सिर्फ साढे़ तीन- साढे़ तीन साल की सजा के अलावा पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाया गया था।इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसे खंडपीठ ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की तरफ से अधिवक्ता प्रभात कुमार मौजूद थे. सीबीआई की ओर से अधिवक्ता दीपक भारती ने कोर्ट को बताया कि मुख्य अभियुक्तों को सह अभियुक्त की तुलना में कम सजा कैसे हो सकती है।

बता दें कि लालू यादव चारा घोटाला से जुड़े मामले में सजायाफ्ता हैं. उन्हें दुमका ट्रेजरी, डोरंडा ट्रेजरी, देवघर ट्रेजरी और चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े मामलों में सजा हो चुकी है. लालू यादव लंबे समय तक जेल में रहे. फिलहाल नियमित जमानत पर हैं, इस बीच सीबीआई द्वारा दाखिल याचिका से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।चारा घोटाला मामले में कई दिलचस्प बातें सामने आई हैं। पहली तो ये कि अलग-अलग ट्रेजरी से करोड़ों रुपये की अवैध निकासी की गई। इसके अलावा आरोप लगे कि लालू ने मुख्यमंत्री रहते हुए अविभाजित बिहार में अच्छी-ऊंची नस्ल की गाय और भैंस बढ़ाने के लिए हरियाणा से सांड़ और दूसरे मवेशी मंगवाए थे।खास बात यह थी कि इन जानवरों को बाइक, स्कूटर और मोपेड के जरिए लाया गया था। मवेशी लाने का ठेका बकायदा दिल्ली की हिंदुस्तान लाइव स्टाफ एजेंसी को दिया था। इनमें भेड़ और बकरे भी लाखों रुपये की कीमत चुकाकर लाए गए थे।चारा घोटाला सामने आने पर देश में हड़कंप मच गया था। घोटाले के चार मुख्य आरोपी बनाए गए थे। इनमें लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत का नाम शामिल था। मामले में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मवेशी लाने के लिए असल खर्च से दो सौ गुणा बजट बनाया गया था।