1 जून से पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल,पेट्रोल पंपों पर की जाएगी निगरानी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के लिए समस्या खड़ी होने जा रही है. कारों के चक्के जाम होने वाले हैं क्योंकि दिल्ली सरकार इन वाहनों पर बैन लगाने के लिए पेट्रोल और डीजल देना बंद करने जा रही है. अब दिल्ली में किसी राज्य के पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. 1 जुलाई से दिल्ली परिवहन विभाग पेट्रोल पंपों पर एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों में तेल भरने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगा.राजधानी क्षेत्र में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की ओर से एक व्यापक योजना शुरू हो रही है. इस योजना के तहत पुरानी गाड़ियों को सर्विलांस सिस्टम के जरिए पहचाना जाएगा. साथ ही इस अभियान का दिल्ली में शुरू करने के बाद धीरे-धीरे एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी विस्तार किया जाएगा.

हालांकि दिल्ली सरकार के इस कदम का विरोध भी होने लग गया है. एक सर्वे में 44 फीसदी लोगों ने सवाल उठाए हैं और वे वैकल्पिक तरीके खोजने की बात कह रहे हैं. आइए जानते हैं इस प्लान को लागू करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं…दरअसल में दिल्ली सरकार पुराने वाहनों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए टीमें तैनात करेगी, जिनके जरिए पेट्रोल पंपों पर निगरानी की जाएगी. 200 ऐसी टीमें बनाई जाएंगी, जोकि एमसीडी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इंफोर्समेट विंग और ट्रैफिक से होंगी. पेट्रोल पंपों के मालिकों को इस संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि पहचाने गए पुराने वाहनों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से टीमों की ओर से कार्रवाई की जाएगी.एसओपी में साफ किया गया है कि रजिस्टर्ड व्हेकिल स्क्रैपिंग फैसेलिटी (आरवीएसएफ) नियमों और परिवहन विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक जब्ती और निपटान होगा. पेट्रोल पंप के मालिक आगे की कार्रवाई के लिए पकड़े गए वाहनों की लिस्ट सीएक्यूएम और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय को हर सप्ताह देंगे. दिल्ली में इस समय करीब 400 पंप मौजूद हैं.बड़ा सवाल ये है कि डीजल के 10 साल और पेट्रोल-CNG के 15 साल पुराने वाहनों की पुष्टि कैसे की जाएगी? इसके लिए एक सेंट्रल टूल है, जिसका नाम ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) है. ये कैमरों का एक नेटवर्क है, जोकि सभी पेट्रोल पंप पर लगा हुआ है. ये सिस्टम VAHAN डेटाबेस से लिंक है, जोकि रियल टाइम में पुराने और नॉन-कॉम्प्लाइंट वाले वाहनों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है.कोई भी कार जैसे ही पंप पर एंट्री करेगी वैसे ही ANPR कैमरे लाइसेंस प्लेट को स्कैन कर लेंगे और VAHAN रजिस्ट्री की डिटेल तुरंत चेक करेंगे. अगर कार ELV के रूप में पाई गई या उसके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) नहीं है तो सिस्टम ऑपरेटर को एक ऑडियो अलर्ट जारी किया जाएगा. उदाहरण से समझें कि पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स के पास अलर्ट जाएगा कि ये वाहन एक एंड-ऑफ-लाइफ है. इसमें तेल नहीं डाला जाना चाहिए।