जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अब ‘कुलपति’ की जगह होंगे ‘कुलगुरु’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी JNU से बड़ी खबर सामने आई है। जेएनयू में अब ‘कुलपति’ की जगह ‘कुलगुरु’ होंगे। विश्वविद्यालय ने वाइस चांसलर का हिंदी नाम ‘कुलपति’ की जगह ‘कुलगुरु’ करने का फैसला लिया है। यह फैसला वाइस चांसलर की पोस्ट की ‘जेंडर न्यूट्रल’ बनाने के लिए लिया गया है। यह जानकारी वर्किंग काउंसिल की बैठक के दौरान दी गई। यह बदलाव करने का सुझाव JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने दिया था। अब डिग्री और बाकी शैक्षणिक दस्तावेजों में ‘कुलपति’ की जगह ‘कुलगुरु’ का इस्तेमाल किया जाएगा।जेएनयू की मौजूदा कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया है. यह निर्णय इसी साल यानी 2025 में ही लागू होने की संभावना है.

इसे डिग्री सर्टिफिकेट और अन्य ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स में शामिल किया जाएगा. इसका मतलब है कि जेएनयू की मौजूदा वीसी अब जिन डॉक्यूमेंट्स पर हस्ताक्षर करेंगी, उनमें कुलपति की जगह कुलगुरु लिखा नजर आएगा।‘कुलपति’ शब्द का अर्थ है ‘कुल का पति’ या ‘परिवार का प्रमुख’. यह लिंग-विशिष्ट (पुरुष-केंद्रित) माना जाता है. वहीं, ‘कुलगुरु’ का अर्थ है ‘शिक्षक’ या ‘आध्यात्मिक मार्गदर्शक’. यह जेंडर न्यूट्रल है और किसी भी लिंग के व्यक्ति के लिए उपयुक्त है. जेएनयू की मौजूदा वाइस चांसलर प्रो. शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा कि यह बदलाव जेंडर न्यूट्रल भाषा को बढ़ावा देने के लिए है, जो समावेशिता और समानता को दर्शाता है।