चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ने कर लिया सेट,चुनाव से पहले खेल दी बड़ी खेल

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के साथ ही शह-मात का खेल शुरू हो गया है. सीएम नीतीश कुमार प्रदेश की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए एक के बाद एक बड़ा दांव चल रहे हैं. चुनावी सरगर्मी के बीच नीतीश कुमार सियासी और जातिगत समीकरण दुरुस्त करने के लिए तमाम आयोगो के गठन में जुट गए हैं. बिहार के अभी तक पांच आयोग का पुनर्गठन कर चुके हैं, जिसमें अल्पसंख्यक आयोग से लेकर सवर्ण आयोग, महादलित आयोग, एसस-एसटी आयोग और मछुआरा आयोग तक शामिल हैं. बिहार में बनाए गए इन सभी आयोग में जातीय समीकरणों से लेकर सियासी गुणा-गणित का नीतीश सरकार ने पूरा ध्यान रखा गया है।नीतीश कुमार के अगुवाई वाली बिहार की एनडीए सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग विभिन्न आयोगों की अलग-अलग अधिसूचना जारी कर रहा है.

सरकार ने आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ सदस्यों के नाम जारी किए हैं. बिहार में विभिन्न अयोगों के गठन की मांग लंबे समय से हो रही थी, लेकिन चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि नीतीश सरकार ने ताबड़तोड़ सियासी नियुक्तियां शुरू कर दी हैं. इस तरह नीतीश कुमार एक तीर से कई शिकार करने की कवायद करते हुए नजर आ रहे हैं, तो साथ ही चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को साधकर बीजेपी के साथ सियासी बार्गेनिंग पावर बढ़ाने की स्ट्रैटजी है।बिहार का अनुसूचित जाति आयोग का गठन कर नीतीश कुमार ने चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को खुश कर दिया है. एससी कमीशन का चेयरमैन चिराग के बहनोई मृणाल पासवान को बनाया है, तो उपाध्यक्ष की कुर्सी जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को सौंपी है. इन दोनों नेताओं के अलावा एससी आयोग में संजय कुमार रविदास, रुबेल रविदास, अजीत कुमार चौधरी, ललन राम, राम नरेश कुमार, राम ईश्वर रजक और मुकेश मांझी को सदस्य बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान सार्वजनिक रूप से कई अपनी मांग उठाते रहे हैं. अब सीएम नीतीश कुमार की ओर से यही संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है कि उनकी मांगों को सुना गया है और एनडीए एकजुट है।मृणाल पासवान, जो अध्यक्ष बने हैं, एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमार देवी के दामाद हैं. राजकुमार देवी से दो बेटियां आशा और उषा पासवान हैं. आशा की शादी आरजेडी नेता साधु पासवान से हुई है, तो उषा की शादी धनंजय कुमार उर्फ मृणाल पासवान से हुई है. रामविलास पासवान की दूसरी पत्नी रीना पासवान हैं, जिनसे बेटे चिराग पासवान और बेटी निशा पासवान हैं. इस तरह मृणाल पासवान रिश्ते में चिराग के बहनोई लगते हैं, जिन्हें नीतीश ने एससी आयोग की कमान सौंपी है।बिहार एससी आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र मांझी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद हैं. देवेंद्र मांझी तब चर्चा में आए थे जब सीएम रहते हुए जीतन राम मांझी ने उन्हें अपना पीए बनाया था. विवाद होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब एससी आयोग का उपाध्यक्ष बनवाकर सेट कर दिया है. विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश को देखते हुए नीतीश ने मांझी और चिराग दोनों के साथ सियासी बैलेंस बनाने का दांव चला है ताकि बीजेपी के साथ मजबूत तरीके से सियासी बार्गेनिंग पावर को बढ़ा सकें।विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान और मांझी दोनों ही बिहार में पूरी तरह सक्रिय हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को काफी नुकसान पहुंचाया था, तो मांझी भी आक्रामक तेवर किसी से छिपे नहीं है. नीतीश कुमार ने आयोगों का गठन करके एक तीर से कई निशाने साधे हैं. वक्फ संशोधन कानून पर मोदी सरकार के समर्थन करने के चलते मुस्लिम मतदाता नीतीश कुमार से नाराज हैं, जिसे साधने के लिए मौलाना गुलाम रसूल बलियावी को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है. बलियावी ने वक्फ कानून को लेकर विरोध करते रहे हैं. इसके अलावा मौलाना नूरानी को उपाध्यक्ष बनाया है. इस तरह नीतीश सरकार ने मुस्लिमों की नाराजगी को दूर करने की स्ट्रेटेजी मानी जा रही है।