पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने अपने पद से दिया इस्तीफा,प्रशांत किशोर को लेकर कह दी बड़ी बात

 पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने अपने पद से दिया इस्तीफा,प्रशांत किशोर को लेकर कह दी बड़ी बात
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वीआरएस लेकर जन सुराज पार्टी में शामिल होने वाले आनंद मिश्र ने पार्टी में मिले अपने पदसे त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि वह यहां काम करने के लिए यहां आये थे, हाथी का दांत बनने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें पद का लोभ नहीं है, क्यों कि वह जिस पद को छोड़कर जनसुराज में शामिल हुए, उससे बड़ा पद यह नहीं है, जिसका त्याग उन्होंने अभी किया है। उन्होंने अपनी आगे की रणनीति भी तय कर ली है।मैं युवा अध्यक्ष था और हमने पार्टी से यह रिक्वेस्ट किया कि मुझे इस पद से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से यह कहा कि मैंने जनसुराज पार्टी को नहीं छोड़ा है, सिर्फ युवा अध्यक्ष पद का त्याग किया हूं।

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पद छोड़ने के कारण के सवाल पर कहा कि आनंद मिश्रा ने कहा कि कारण को समझिये तो कुछ भी कारण नहीं या फिर बहुत कुछ बड़ा कारण भी है। उनकी बातों से उनकी नाराजगी स्पष्ट रूप से झलक रही थी। उन्होंने कहा कि यहां मेरा यहां जम नहीं रहा है। मैं काम करने वाला आदमी हूं बैठने वाला आदमी नहीं हूं। काम करने का एक सिस्टम होता है। उन्होंने कहा कि मेरा और यहां का वर्किंग स्टाइल कुछ और है इसलिए इस पद के लिए कोई और काम करे ऐसा मैंने पार्टी से अनुरोध किया है।आनंद मिश्रा ने कहा कि मेरे पीठ पीछे कई चीज बदल जाती हैं और मुझे जानकारी किसी और से होती है, फिर मेरे पद पर बने रहने का क्या मतलब? मैं युवा अध्यक्ष के पद पर हूं और और मुझे नहीं पता चला कि जिले में कौन अध्यक्ष कब बदल गया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था में और भी अधिक डेमोक्रेशी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जिसकी जो जिम्मेदारी होती है, उसमें उस शख्स की पूर्णतः भागीदारी होनी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है।आनंद मिश्रा ने कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है लेकिन अब कुछ शांति में बैठकर कुछ जमीनी कार्य करुंगा। उन्कहोंने यह भी कहा कि मैं राजनीतिक तौर पर एक्टिव रहूंगा। या यूं कहें कि मेरी एक्टिविटी अब और अधिक बढ़ जाएगी। आनंद मिश्रा ने कहा कि मेरी किस्मत की शुरुआत इंडिपेंडेंट ही हुई थी और मुझे लगता है कि मेरी किस्मत में इंडिपेंडेंट ही लिखा हुआ है। मैं इंडिपेंडेंट ही प्रयास करता रहूंगा।मैं ऐसी व्यवस्था में काम करना चाहता हूं जो सच में व्यवस्था कहलाए। जो हर दिन हर रात बदलते रहे उसका कोई मतलब नहीं। डिसीजन मेकिंग में या तो रोल निभाया जाना चाहिए या फिर इससे बिल्कुल अलग रहना चाहिए। मैं यहां पद के लिए नहीं आया था, क्योंकि मेरा जो पद था वह इससे छोटा पद तो नहीं था। मैं पद का लालची नहीं हूं। मैं काम करना चाहता हूं, हाथी का दांत नहीं हूं।

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