औरंगजेब पर बयान देकर घिर गए अखिलेश के नेता अबू आजमी,डिप्टी सीएम शिंदे ने किया पलटवार

मुगल बादशाह औरंगजेब एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला सिर्फ इतिहास के पन्नों तक सीमित नहीं है, बल्कि बॉलीवुड की फिल्म ‘छावा’, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बयान और महाराष्ट्र की सियासत ने इसे और गर्मा दिया है. औरंगजेब और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच सदियों पुरानी दुश्मनी आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. अब इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है. आइए जानते हैं क्यों मचा है हंगामा?हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ ने औरंगजेब को लेकर बहस की शुरुआत की. यह फिल्म मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक और छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे संभाजी महाराज की जिंदगी पर आधारित है. फिल्म में विक्की कौशल ने संभाजी का किरदार निभाया है, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब की भूमिका अदा की है. फिल्म में संभाजी के साहस, बलिदान और औरंगजेब के अत्याचारों को दिखाया गया है. संभाजी को औरंगजेब ने 1689 में क्रूरता से मरवा दिया था, जिसे फिल्म में भावनात्मक ढंग से पेश करने की कोशिश हुई है।समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करके विवाद को और हवा दे दी. आजमी ने कहा, “औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था. उसने कई मंदिर बनवाए और उसके शासन में भारत ‘सोने की चिड़िया’ था. इतिहास को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है.

आजमी ने यह भी दावा किया कि औरंगजेब और संभाजी के बीच की लड़ाई धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता की थी।आजमी के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा किऔरंगजेब ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातनाएं दीं. उनकी आंखें निकाली गईं, जीभ काटी गई और फिर उनकी हत्या कर दी गई. ऐसे शासक को महान कहना हमारे महाराज का अपमान है. आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. शिंदे ने आजमी से माफी मांगने की भी मांग की।