चुनाव में जमीन सर्वे को विपक्ष बनाएगी बड़ा मुद्दा,नीतीश सरकार को सताने लगा डर!
बिहार में जमीन सर्वे का काम 3 महीने टालने का फैसला सरकार ले चुकी है. हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक लेटर नहीं निकला है लेकिन सरकार के रवैये से साफ लग रहा है कि 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में संशय की स्थिति बन गई है. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि सरकार की मंशा जो भी हो लेकिन विधानसभा चुनाव जब सर पर हो तो कोई सरकार रिस्क नहीं लेगी है. जो स्थिति बन रही है, उससे लगता है कि सिर्फ 3 महीने ही नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव तक इसे टाला जा सकता है।बिहार में जमीन सर्वे को लेकर लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई थी. तमाम लोग परेशान थे, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों के पास जमीन के कागजात नहीं हैं. जमीन सर्वे के लिए जो जरूरी कागजात होने चाहिए. जब नहीं रहेंगे तो फिर सर्वे कैसे होगा।

राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि बिहार में केवल 62% लोगों के पास ही जमीन के कागजात हैं, वह भी आधे-अधूरे. 38% लोगों के पास कागजात है ही नहीं. लाखों म्यूटेशन का मामला पेंडिंग पड़ा हुआ है. बड़ी संख्या में कोर्ट में केस है. इसी तरह की कई समस्या बिहार में जमीन सर्वे के आड़े आ रही थी।बिहार में 45000 के करीब गांव हैं, जिनमें जमीन सर्वे का काम होना है. जमीन सर्वे शुरू होने के बाद सरकार के सामने कई तरह की समस्या आई है और अब सरकार उन समस्याओं के निदान के बाद ही अपना कदम आगे बढ़ाएगी, ऐसा लग रहा है. जानकार भी कहते हैं कि चुनावी साल में जमीन जैसे संवेदनशील विषयों पर सरकार ने जो फैसला लिया था, वह अब सरकार के लिए ही मुसीबत बन गई है।
