इंडिया गठबंधन में पीएम पद के दावेदारी पर छिड़ने वाली है जंग,नीतीश और राहुल होंगे आमने-सामने?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने को लेकर विपक्षी एकता की मुहिम चल रही है। मगर, इंडिया गठबंधन में ऑल इज नॉट वेल का माहौल बना हुआ है। दरअसल, इंडिया गठबंधन के भीतर पीएम ब्रांडिंग की मुहिम छिड़ी हुई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के सर्वमान्य लीडर राहुल गांधी की ब्रांडिंग करने में लगे हैं। वहीं, गठबंधन में शामिल जनता दल (यू) का कुछ अलग नजरिया है। हालांकि, जदयू ने पहले भले ही खुल कर पीएम के मसले पर नहीं कही हो मगर पीएम पद की दावेदारी को लेकर नीतीश कुमार को देखा जा रहा था। पोस्टरों और कुछ नेताओं के बयानों में नीतीश कुमार का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उछाले जाने लगे थे। परंतु, इस बार प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर खुल कर जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह सामने आ गए।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक तरह से खुलकर सीएम नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का सबसे योग्य उम्मीदवार बता डाला। भले ‘इंडिया’ के नेता पीएम की उम्मीदवारी के नाम को टालते रहे हैं, मगर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपना स्टैंड एक तरह से क्लियर कर दिया है। ललन सिंह ने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ करते कहा कि आप सभी ने एक ऐसा नेता इस देश को दिया है, जो बिहार का नेतृत्व तो कर ही रहे हैं। अब ये पूरे देश को नेतृत्व देने के लिए खड़े हैं।इंडिया एलायंस की बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इशारों में राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार घोषित हुए, ये कह डाला कि राहुल आप दूल्हा बनो, हम सब बाराती बनेंगे।

‘इंडिया’ गठबंधन की बेंगलुरु बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कह डाला कि पीएम वही बनेंगे जिन्हें सांसद चुनेंगे। अब ललन सिंह के बयान ने नीतीश कुमार को आगे कर अपनी पार्टी का स्टैंड बता दिया।कुल मिलाकर इंडिया गंठबंधन के भीतर मतभिन्नता काफी गहरा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बुलाए भोज में नीतीश कुमार का जाना भी विवाद को जगह दे गया। जदयू का स्टैंड है कि ये भोज पीएम नरेंद्र मोदी या भाजपा का भोज नहीं था। ये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भोज दिया गया था। इसमें शामिल होना, इंडिया गठबंधन के विरुद्ध नहीं है। जबकि इंडिया गठबंधन के प्रमुख साथी कांग्रेस और राजद ने जमकर विरोध किया। कांग्रेस ने तो अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाए जाने पर विरोध भी जताया था। उसने कहा था कि ये दलित विरोधी मानसिकता है।