इस वजह से दिल्ली हार गई आम आदमी पार्टी?

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के सभी सीटों पर रुझान आ गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी 46 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं आम आदमी पार्टी 24 सीटों पर आगे है. अगर ये रूझान ही परिणाम में बदल जाते हैं तो दिल्ली में बीजेपी की सरकार बननी तय है. इसके साथ ही दिल्ली में पिछले तीन बार से सरकार चला रही आम आदमी पार्टी की सत्ता से विदाई हो जाएगी. इसे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित होगा. दिल्ली में बीजेपी शराब और शीशमहल को मुद्दा बनाने में कामयाब रही. इसका परिणाम नजर आ रहा है. आइए जानते हैं कि कौन से वो पांच कारण हैं, जिसने आप की हार में बड़ी भूमिका निभाई।आम आदमी पार्टी अपने दामन पर लगे शराब घोटाले के दाग को छुड़ा नहीं पाई. बीजेपी पिछले तीन साल से इस मुद्दे पर उसे घेरते रही. हालात यह थी कि इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्य सभा सांसद संजय सिंह को जेल जाना पड़ा.

वह इस मुद्दे को लेकर लगातार सड़कों पर रही. उसके नेता हर जगह इस घोटाले की चर्चा करती रहे.इसके जवाब में आप कानूनी दाव पेंच के अलावा अपने बचाव में कोई ऐसा तगड़ा तर्क नहीं दे पाई, जो जनता के समझ में आए.इसका खमियाजा आम आदमी पार्टी को हार के रूप में उठाना पड़ा।आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के साथ ही उस पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगने लगे थे.शराब घोटाले के अलावा दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला इनमें से प्रमुख था. इस मामले में ठेकेदारों से पैसे वसूलने के लिए ठेकों को कम पैसे पर छोड़ने का आरोप लगा. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में भी आरोपी हैं. आम आदमी पार्टी के जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, वो पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में हैं. यहां तक की इस आरोप से केजरीवाल भी नहीं बच सके, जिन्होंने आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी. बीजेपी ने लगातार आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और जनता के बीच पहुंची।