बिहार समेत देश के कई राज्यों में पारा रहेगा 44 के पार,गर्मी बढ़ाएगी अपनी सितम

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार (1 मई) को कहा कि दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में मई के महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है. दो से चार दिन लू चल सकती है. आईएमडी प्रमुख मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर भागों, उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर प्रायद्वीपीय भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. उनके मुताबिक, पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर भागों और उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर प्रायद्वीपीय भारत में पारा सामान्य से नीचे रहने की संभावना है. महापात्र ने बताया कि इसी तरह उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रह सकता है. उनके मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है. मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर राजस्थान समेत अन्य क्षेत्रों में मई के महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है. महापात्र ने बताया कि पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, आंतरिक ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड और बिहार समेत अन्य इलाकों में लगभग दो से चार दिन लू चल सकती है जो सामान्य से अधिक है. आम तौर पर, उत्तरी मैदानी इलाकों, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के आसपास के क्षेत्रों में मई में लगभग तीन दिन लू चलती है, उन्होंने बताया कि दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र में लगभग 5-8 दिनों तक लू चलने का अनुमान है.आईएमडी प्रमुख ने बताया कि मई 2024 में देश भर में सामान्य बारिश होने का अनुमान है जो एलपीए (दीर्घावधि औसत) का 91-109 फीसदी हो सकती है. उनके मुताबिक, 1971 से 2020 के आधार पर मई के दौरान वर्षा का एलपीए करीब 61.4 मिमी है. उन्होंने बताया कि उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. देश के शेष भागों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना और तमिलनाडु में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है. मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि ओडिशा के कई हिस्से, उत्तर छत्तीसगढ़, झारखंड, दक्षिणी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और केरल में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल में औसत तापमान 28.12 डिग्री सेल्सियस रहा जो 1901 के बाद से सबसे अधिक था. महापात्र के मुताबिक, तूफान की आवृत्ति औसत से कम रही, इसलिए पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में तापमान अपेक्षाकृत अधिक था. उन्होंने बताया कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अप्रैल में औसत अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद दूसरी बार सबसे अधिक रहा. महापात्र ने बताया कि ओडिशा में 2016 के बाद इस साल के अप्रैल में सर्वाधिक 16 दिन तक लू चली. उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अप्रैल में 12.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. इस क्षेत्र में अप्रैल में 1901 के बाद पांचवीं बार सबसे कम और 2001 के बाद दूसरी बार सबसे कम बारिश हुई है।

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