UCC पर बोले फारूक अब्दुल्ला-केंद्र सरकार के इस कदम से कहीं तूफान ना आ जाए

Sharing Is Caring:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और NCP नेता फारूक अब्दुल्ला ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा कि सरकार को इस पर सोचना चाहिए, क्योंकि देश डाइवर्स है. कहीं उनके किसी कदम से देश में तूफान ना आए. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर छत्तीसगढ में इस साल के अंत में विधनसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बुधवार को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत राज्य के नेताओं की बैठक हुई.Screenshot 2023 06 27 14 09 29 27 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12 इस बैठक में जब यूसीसी का मुद्दा आया तो सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने दो-टूक कहा कि बीजेपी की धर्म की राजनीति की उम्र ज्यादा नहीं है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि देश संविधान, विचारधारा और सामाजिक समानता से चलेगा. हमको उसी पर चलना है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर बीते दिनों कल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आम आदमी पार्टी का बड़ा बयान सामने आया है. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने बुधवार को कहा कि सैद्धांतिक रूप से उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता का समर्थन करती है, लेकिन इस मुद्दे पर सभी धर्म-संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए. संविधान का आर्टिकल 44 भी इसका समर्थन करता है. एक दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था और कहा था कि इसके नाम पर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत किए जाने के बाद अब इस मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है. इस मसले पर कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया सामने आई है. चिदंबरम ने कहा कि समान नागरिक संहिता को उचित ठहराने के लिए एक परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं है. सामान्यतौर पर दोनों की तुलना सही लग सकती है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग है.कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा, एक परिवार में खून के रिश्ते होते हैं जिससे सभी एक सूत्र में बंधे होते हैं जबकि एक राष्ट्र को संविधान के जरिए एक साथ लाया जाता है जो कि एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है. एक परिवार में भी विविधता होती, देश के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता को मान्यता दी है. दरअसल आपको बताते चलें कि कल पीएम मोदी ने पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता की वकालत की. पीएम ने लोगों से पूछा, क्या एक परिवार में दो नियम चलते हैं क्या? कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. तीन तलाक का भी विरोध किया था. ये लोग अपने वोट बैंक के लिए मुस्लिम भाई-बहनों को भड़काने का काम कर रहे हैं.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post

Exit mobile version